Chanakya ki Niti : हो ये खूबियां तो बॉस भी हो जाता है गुलाम

चाणक्य नीति : आचार्य चाणक्य को कई विषयों का ज्ञान था वे एक महान नीतिज्ञ थे। चाहे वह सामाजिक-आर्थिक हो या राजनीतिक या पारिवारिक मुद्दे, आचार्य चाणक्य हर क्षेत्र में उस्ताद थे। यही कारण है कि उन्होंने एक साधारण बालक चंद्रगुप्त मौर्य को भारत का सम्राट बनाया।
चाणक्य नीति: आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में अपनी नीतियों के बारे में बताया है। जिन्को अपना कर कोई भी वो मुकाम अचीवमेंट सकता है। जिसे चन्द्रगुप्त मौर्य ने प्राप्त किया था। आचार्य चाणक्य ने कहा है कि एक सफल व्यवसायी या एक सफल पेशेवर के लिए उच्च पदों पर पहुंचने के लिए ये गुण आवश्यक हैं।
चाणक्य नीति के नीति शास्त्र के छठे अध्याय में उन्होंने एक श्लोक के माध्यम से सफलता का मंत्र लिखा है। जो इस प्रकार है-
एक आदमी थोड़ी सी हवा से बहुत काम करना चाहता है।
कहा जाता है कि उस सब के आरंभ में शेर ही काम करता है
चाणक्य इस श्लोक के माध्यम से बताते हैं कि मनुष्य को शेर की तरह अपने लक्ष्य से शिकार करना आना चाहिए। शिकार करते समय शेर शायद ही कभी असफल होता है, क्योंकि उसका दिमाग एकाग्र होता है। इसी तरह अगर आप सफल होना चाहते हैं तो एक लक्ष्य निर्धारित करें और फिर उस पर ध्यान केंद्रित करें।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। बस मेहनत और लगन से काम करें। कोई भी काम तभी हो सकता है जब उसे पूरा करने के लिए पूरी ताकत लगा दी जाए। जैसे सिंह अपने शिकार को पकड़ने के लिए एक ही बार में दौड़ पड़ता है, वैसे ही मौका मिलते ही अपनी पूरी जान लगा देनी चाहिए।
आचार्य चाणक्य आगे लिखते हैं कि जब आप पूरी ताकत और फोकस के साथ किसी काम को करते हैं तो निराशा दूर होती है और आपको सफलता मिलना तय है। लेकिन जो अपना लक्ष्य निर्धारित नहीं करते वे सफल नहीं होते। ऐसे लोग कार्यक्षेत्र में जल्दी अपनी जगह बना लेते हैं और बॉस की आंखों के तारे बन जाते हैं।