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Chanakya ki Niti : चाणक्य की 5 कड़वी बातें मान ली तो, इतना सफल होंगे की दुश्मन भी पीछे पीछे घूमेंगे

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चाणक्य नीति : आचार्य चाणक्य ने जीवन में सफल होने के कुछ नियम बताए हैं जिनका यदि आप पालन करें तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।

चाणक्य नीति : आचार्य चाणक्य ने नौकरी, व्यवसाय या किसी अन्य क्षेत्र में उन्नति और सफलता के लिए कुछ नियम बताए हैं। कई लोगों ने इन नियमों का पालन कर खूब नाम और पैसा कमाया है। अगर आप भी उन्हीं सफल लोगों की लिस्ट में शामिल होना चाहते हैं तो इन नियमों का पालन करें।

मूर्खों से वाद-विवाद न करें
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मूर्ख से कभी बहस न करें। मूर्खों में समझ की कमी होती है। जब आप मूर्खों से बात करते हैं तो आप खुद को चोट पहुँचाते हैं। ऐसे लोग आपका सम्मान नहीं करते हैं और मूर्खों से बहस के बाद मानसिक परेशानी भी झेलते हैं। मूर्खों से बचने का सबसे आसान तरीका है चुप रहना। यदि आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं तो मूर्खों से बात करने या बहस करने में समय बर्बाद न करें, बल्कि समय प्रबंधन पर ध्यान दें। मूर्खों से बात करने से आपका कोई भला नहीं होने वाला है।

अपनी कमजोरियों के बारे में किसी को न बताएं
आचार्य चाणक्य कुछ रिश्ते जन्म के साथ पैदा होते हैं और कुछ आप जन्म के बाद खुद बनाते हैं। नए रिश्तों में कभी नहीं, चाहे कितना भी गहरा प्यार या विश्वास क्यों न हो। अपनी कमजोरियों के बारे में किसी को न बताएं। आचार्य चाणक्य उन्हें अपनी कमजोरी पत्नी से छिपाने की सलाह भी देते हैं। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जैसे ही किसी को आपकी कमजोरी का पता चलता है, वह इसका फायदा उठाता है। इसलिए स्वाभिमान के लिए अपनी कमजोरी के बारे में किसी को न बताएं।

पैसा सोच-समझकर खर्च करना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि धन की बचत करनी चाहिए। आज के जमाने में दौलत ही जिंदगी है, दौलत ही इज्जत है और दौलत ही खुशी है। आप कितना कमाते हैं यह महत्वपूर्ण नहीं है। बल्कि यह मायने रखता है कि आप कितना बचत करते हैं। धन का कभी भी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए। बहुत से लोग खून-पसीने से पैसा कमाते हैं और एक पल में सब खर्च कर देते हैं। यदि व्यर्थ ही धन खर्च करना ही है तो मेहनत का क्या फायदा। आचार्य चाणक्य का कहना है कि फालतू खर्च करने से एक दिन कुबेर भी दरिद्र हो जाएंगे। इसलिए जितना पैसा कमाने की कोशिश करते हैं, उसे बचाने की कोशिश करें।

जो आप नहीं सुनते उस पर विश्वास न करें
अगर कोई आपके साथ बैठने के बाद भी आपकी बात नहीं सुन रहा है। या जब आप कोई महत्वपूर्ण बात कर रहे हों और सामने वाला ध्यान नहीं दे रहा हो तो उस पर कभी विश्वास न करें। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों ने बता दी, आपकी निजी बातें कब सार्वजनिक हो जाएंगी, आपको पता भी नहीं चलेगा और फिर पछताना पड़ेगा।

 
सुखी रहना है तो आसक्ति से दूर रहो
आचार्य चाणक्य करते हैं कि यदि आप प्रसन्न हैं तो आसक्ति से दूर रहें। हालांकि ऐसा करना मुश्किल है, लेकिन फिर भी अगर आप किसी से उम्मीद नहीं रखते हैं और लगाव से दूर रहते हैं, तो आपको सफलता की सीढ़ी चढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। जब आप आसक्त हो जाते हैं तो आप अपने दिमाग का इस्तेमाल करना बंद कर देते हैं और गलत चुनाव कर लेते हैं, जबकि आप जानते हैं कि यह गलत है।

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