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Chanakya ki Niti: मर्दों से 8 गुना ज्यादा होती है महिलाओं में ये काम करने की इच्छा, खुद बताने में करती है शर्म

चाणक्य नीति में स्त्रियों को लेकर कुछ बातों का उल्लेख किया गया है इसमें बताया गया है. कि पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों में इस काम करने की इच्छा सबसे ज्यादा होती है और तभी वे अपनी इच्छाएं बताती नहीं है आइए जानते हैं.
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Chanakya ki Niti

New Delhi आचार्य चाणक्य ( Acharya Chanakya ) ने अपनी राजनीति के माध्यम से चंद्रगुप्त मौर्य जैसे साधारण लड़के को मगध का सम्राट बनाया था।आचार्य चाणक्य ( Acharya Chanakya ) ने कई पुस्तकों की रचना की, जिनमें से चाणक्य नीति बहुत खास है। चाणक्य नीति में यह भी बताया गया है कि जीवन और व्यक्ति से जुड़े रिश्ते कैसे होने चाहिए जैसे माता-पिता, दोस्त, पत्नी ( Chanakya Niti For Wife ) और भाई आदि।

ऐसा कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति चाणक्य  नीति के शब्दों का पालन करता है, तो वह निश्चित रूप से सफल होगा। चाणक्य  नीति में आचार्य चाणक्य ( Acharya Chanakya ) ने भी कहा है कि ऐसी कौन सी इच्छाएं हैं जो पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं  में कई गुना ज्यादा होती हैं।

चाणक्य नीति का श्लोक:

स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गुणा।
साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृतः॥

चाणक्य  नीति के इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ( Acharya Chanakya ) ने बताया है कि स्त्रियों में भूख पुरुषों की तुलना में दोगुनी होती है.

इसके अलावा महिलाओं में लज्जा यानी शर्म पुरुषों के मुकाबले 4 गुना होती है. इसके अलावा स्त्रियों में साहस पुरुषों (  की तुलना में 6 गुना होता है और काम की भावना पुरुषों के मुकाबले 8 गुना ज्यादा होती है.

आचार्य चाणक्य ( Acharya Chanakya )  ने बताया कि हालांकि स्त्रियों में सहनशक्ति और लज्जा की भावना भी पुरुषों से ज्यादा होती है तभी वो अपनी इस इच्छा के बारे में नहीं बताती हैं.

मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टस्त्रीभरणेन च।
दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यंवसीदति।।

इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ( Acharya Chanakya )  ने कहा है कि यदि शिष्य मूर्ख है तो उसे उपदेश देना व्यर्थ है, यदि स्त्री बुरी है तो उसका पालन-पोषण करना व्यर्थ है। यदि आपका पैसा बर्बाद हो गया है या आप किसी दुखी व्यक्ति के साथ संबंध बना रहे हैं, चाहे आप कितने भी होशियार क्यों न हों, आपको भुगतना पड़ेगा।

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