Hyundai ने की तगड़ी प्लानिंग, तीर से मारुती-टाटा का शिकार करने जा रही!

Maruti Vs Hyundai: Hyundai को पहले स्थान पर रही Maruti Suzuki और तीसरे स्थान पर रही Tata Motors से कड़ी टक्कर मिल रही है. Hyundai अब Maruti और Tata समेत कंपनियों को संकट में डालने के लिए एक नया प्लान लेकर आई है।
Hyundai Car Sales: दिग्गज कार निर्माता Hyundai भारत में दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी बनी हुई है. Hyundai को पहले स्थान पर रही Maruti Suzuki और तीसरे स्थान पर रही Tata Motors से कड़ी टक्कर मिल रही है. कंपनी ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा आकर्षित करने और सर्विस देने की कोशिश कर रही है। Hyundai अब Maruti और Tata समेत कंपनियों को संकट में डालने के लिए एक नया प्लान लेकर आई है। वास्तव में, Hyundai को शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी ग्राहकों की शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है।
स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी) और नए फीचर्स वाले मॉडल्स की बढ़ती मांग को देखते हुए हुंडई ग्रामीण भारत में अवसरों की तलाश कर रही है। इसलिए कंपनी छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में ज्यादा सेल्स शोरूम खोलना चाहती है और साथ ही इन जगहों पर मोबाइल सर्विस वैन जैसे तरीकों से अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाहती है। गौरतलब है कि Hyundai को अपनी Creta और Venue जैसी एसयूवी के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।
एक लाख कारें बिकीं
ग्रामीण क्षेत्रों में हुंडई के बिक्री शोरूम पहले ही 600 से अधिक हो चुके हैं और ऐसे स्थानों पर इसने अपने कर्मियों की संख्या भी बढ़ाकर 5,000 से अधिक कर दी है। हुंडई की ग्रामीण वाहन बिक्री का आंकड़ा पिछले साल 100,000 इकाइयों को पार कर गया।
“हमारी कुल बिक्री का लगभग 18 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से आता है, जबकि पहले यह 16.5 प्रतिशत था। हमने इस मोर्चे पर सुधार किया है। हमने पिछले साल पहली बार 100,000 यूनिट बिक्री का आंकड़ा पार किया। अब हमारे पास ग्रामीण इलाकों में 100 मोबाइल सर्विस वैन हैं।
गर्ग कहते हैं, "शहरी और ग्रामीण बाजारों के बीच की खाई अब कम हो रही है, इसलिए बहुत से लोग अब हर जानकारी तक पहुंचने के लिए मोबाइल और इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि पहले ग्रामीण बाजारों में छोटी कारों को तरजीह दी जाती थी लेकिन अब क्रेटा और वेन्यू जैसे मॉडल भी तेजी से बढ़े हैं। अधिकांश ग्रामीण उपभोक्ताओं को अब शहरी उपभोक्ताओं की तरह ही उम्मीदें हैं।